ये झारू जरुर चलेगी !,, बहुत दिनों से आम इन्सान इस इंतजार में थे की राजनीती से ये गंदगी कैसे साफ होगी? कौन करेगा?क्यों करेगा?
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देर न हो जाये कही बीजेपी को देर न हो जाये
अब तो मेरा येही कहना है की युपिए को हटाना है तो एक-जुट हो जाओ क्युकी —देर न हो जाये कही देर न हो जाये, बीजेपी को देर न हो जाये कही देर न हो जाये
अन्ना जी का कार्यालय
अन्ना जी का कार्यालय आजकल विवादों में है, मेरे हिसाब से अन्नाजी का कार्यालय तो ऐसी जगह है जहा से कोई हटा नहीं सकता, निकाल नहीं सकता, पक्का ठिकाना है अन्नाजी के कार्यालय का वहा, चलो ये बाते बाद में, सुरुवात उस विवाद से जिसने मुझे भी सोच में डाल रखा है,
मुझे समझ में उस समय भी नहीं आया था की श्रीमती किरण बेदी ने क्यों उस जगह का चुनाव किया, घर की बात तो बहुत दूर उस जगह उस तरह के हाय क्लास सोसाइटी में श्री अन्ना हजारे जी का कार्यालय होना ही नहीं चाहिए, मेरे हिसाब से हमारा कार्यालय (अन्नाजी का ) एक मिडिल क्लास सोसाइटी में होना चाहिए था, एक ऐसी जगह जहा बस और मेट्रो से पहुच सके, मिडिल क्लास में भी लोअर मिडिल क्लास, मेरे नज़र में कई ऐसे जगह है जहा श्री अन्ना हजारे अपना कार्यालय बना सकते है, ऐसी जगह जहा 3 रूम सेट का किराया 10000 से 15000 ही हो और 3 या 4 कार खरी करने की सुविधा(आसपास) मिल जाये, नौकरीपेशा और माध्यम वर्गीय लोगो के बस्ती में रहने से वे सीधे आम आदमी तक पहुच सकने में भी समर्थयवान होते ।( यहाँ मैं ये साफ कर दू मैं किरण जी या किसी और की कोई बुराई या उनके निर्णय का विरोध नहीं कर रहा, केवल मन में जो बात उठी वो बाते आपसे बाट रहा हु, )
गोविन्दपुरी,तुगलकाबाद,कालकाजी,महारानी बाग , महरौली,साकेत के कई इलाके,ईस्ट ऑफ़ कैलाश आदि कई जगह है दक्षिन देल्ली में, जहा मेट्रो और बस दोनों से आराम से पहुच सकते है,
अगर ईस्ट देली की बात करे तो पटपरगंज , सकरपुर, लक्ष्मीनगर,विवेक विहार आदि
नार्थ देल्ली- और सेंट्रल देल्ली से अच्छा साउथ और ईस्ट देल्ली रहेगी,ये वो इलाके है जहा आप आराम से पहुच सकते है और आपके (अन्ना ) के चाहने वाले बरी संख्या में है,खास कर महरौली और साकेत के इलाके जे एन यु के करीब भी है जिससे छात्रों की सख्या भी बढ़ जाती।
अभी भी देर नहीं हुए, हमें हक है की हम अपने कार्यालय को कही भी स्थानानतरित करे,अन्ना आन्दोलन कही से भी चल सकती है क्युकी अन्ना जी का असली और स्थायी कार्यालय तो आम-हिन्दुस्तानियों का दिल/ह्रदय/मन है। दिल में रहने का कोई किराया नहीं लगता, और वह से कोई अन्नाजी को निकल नहीं सकता। पक्का ठिकाना है अन्नाजी के कार्यालय का वहा, क्यों सच कहा न मैंने ?
अन्नाजी का स्वास्थ आजकल ठीक नहीं रहता, कुछ भितरघात के कारन थोरा उनके हृदय में चोट पहुची है और ये स्वाभाविक है, आखिर अन्नाजी भी आम इन्सान ही है, चलो कोई बात नहीं अब श्रीमती बेदी जी और अन्य सहयोगियों के कारन वो जनता से संवाद कर रहे है, और हमें इंतजार है अन्नाजी के हुंकार का, उस हुंकार का जिसे सुनकर कुर्सी के पिपाशु नेतागण हिल जाये, हम तैयार है और हम अन्नाजी के इशारे पे खुद भी बदलने को तैयार है और सत्ता नहीं व्यवस्था को भी बदलने के लिए तैयार है क्यों दोस्तों है न तैयार?
जय हिन्द जय हिन्द की सेना
अन्ना जी के स्वस्थ मंगल कामनाओ के साथ आपका ,विशाल श्रेष्ठ
सिर्फ हंगामा करना हमारा मकसद नहीं-अन्नाजी!
श्री अन्ना हजारे ने सर्वोदय एन्क्लेव बी – 18 मे दो रूम का सेट लिया और आज रविवार को अपने सर्वोदय एंक्लेव ऑफिस का उद्घाटन किया। शनिवार को हुई बैठक में ही अन्ना के इस नए कार्यालय की जानकारी मीडिया को दे दी थी । अब भ्रस्टाचार रूपी दानव के अंत करने का नया ठिकाना लोगो को मिल गया ।कल शनिवार को बैठक में श्री हजारे और बेदिजी ने सरकार और केजरीवाल दोनों पे तीखा हमला किया ।
बेदिजी ने साफ -साफ़ लहजे में काहा की अब केजरीवाल को अपनी संस्था का नया नाम धुंध लेना चाहिए।अन्ना ने कहा कि वह केजरीवाल से कोई टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन वह आईएसी का नाम वापस चाहते हैं, बशर्ते वह इसे वापस कर दें तो। उनके करीबी सहयोगी मेघा पाटेकर ने भी कहा की आजकल केजरीवाल जिस तरह से आरोप लगा रहे है उससे कुछ नही मिलने वाला आरोपों की गहरायी तक जाकर उसपे काम करने की जरुरत है |
अन्ना की टीम में शामिल चेहरे :-
संतोष हेगड़े : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज व कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त
-किरण बेदी : देश की पहली महिला आइपीएस अधिकारी
-मेधा पाटकर : सामाजिक कार्यकर्ता व नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख
-शशिकांत : पंजाब के रिटायर्ड डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस
-अविनाश धर्माधिकारी : पूर्व आइएएस अधिकारी
-विश्वंभर चौधरी : सामाजिक व पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता
-राकेश रफीक : नेशनल एलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट से संबद्ध
-अखिल गोगोई : असम के आरटीआइ कार्यकर्ता
-अरविंद गौड़ : दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ता
-अक्षय कुमार : ओडिशा में पॉस्को विरोधी आंदोलन के अगुआ
-सुनीता गोदरा :1992 की एशियाई मैराथन चैंपियन
-शिवेंद्र चौहान : पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता
-रणसिंह आर्य : प्राकृतिक चिकित्सक व समाजसेवी
-विजेंद्र खोखर : सेना के रिटायर्ड कर्नल
आएये दोस्तों हम सब मिलकर अन्नाजी का साथ दे और भ्रस्ताचार रूपी दानव का अंत कर अपने देश को तरक्की के पथ पर आगे ले जाये