Aircraft Carriers of various country (एयरक्राफ्ट कैरियर (युद्धपोत) दुनिया भर के )

आजादी का पर्व मनाने के कुछ समय पहले से ही भारत की सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारत ने आजादी के पर्व से पहले बिना कुछ बोले ही अपनी मजबूत ताकत का संदेश दिया है।

देश ने एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को लॉन्च कर और परमाणु सबमरीन अरिहंत को सक्रिय कर कड़ा संदेश दिया। भारत की इस सैन्य ताकत से पाकिस्तान ही नहीं चीन भी खौफजदा है।

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दुनिया में विशाल एयरक्राफ्ट होना सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि आत्मसुरक्षा और दुश्मन को माकूल जवाब देने की जरूरत होती है। दुनिया के कई देशों ने बड़े एयरक्राफ्ट अपनी सुरक्षा के लिए खरीदे और बनाए हैं।

हम यहां दुनिया के कुछ एयरक्राफ्ट कैरियर के बारे में जानेंगे। ये ऐसे जंगी जहाज हैं, तो पूरी तबाही का सामान लेकर चलते हैं और अगर ये एक्शन में आ जाएं तो पलक झपकते लाखों-करोड़ों मौतों का तांडव ला दें

 यूएसएस निमित्ज :    Image

अमेरिका का नया सुपर कैरियर
लंबाई : 1,092
कमीशंड : 1975
कैरियर : 90 एयरक्राफ्ट
कू्र : 3,200 नौसैनिक, 2,480 वायुसैनिक।
प्रोपल्सन सिस्टम : 2 वेस्टिंगहाउस ए4डब्ल्यू न्यूक्लियर रिएक्टर्स, 4 स्टीम टर्बाइन्स।

– द नाए साओ पालो : ब्राजील

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– ब्राजील ने सन 2000 में इसे फ्रांस से 12 मिलियन डॉलर में खरीदा था।
लंबाई : 869 फीट
कमीशंड : 2000
क्षमता : 39 एयरक्राफ्ट, जिनमें ए-4 स्कायहाक और एस-70 बी सीहॉक हेलिकॉप्टर लेकर समुद्र में तैरता है।
क्रू- 1,920 नौसौनिक
प्रोपल्सन सिस्टम : 6 बायलटर, 4 स्टीम टर्बाइन, 2 प्रोपेलर्स।
– इसे मूल रूप से फांस ने 1959 में फोच नाम से लॉन्च किया था। इसने नाटो के अभियानों में कई बार हिस्सा लिया। ब्राजील को दिए जाने के बाद इसे 2005 से 2010 तक अपग्रेड किया गया।

आईएनएस विराट : भारत

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-भारत ने इसे ब्रिटेन से खरीदा था।
लंबाई : 743 फीट
कमीशंड : 1987
एयरक्राफ्ट कैरियर क्षमता : यह 30 एयरक्राफ्ट कैरियर लेकर चल सकता है। इसमें सी हैरियर और सीकिंग शामिल हैं।

क्रू : अधिकतम 2,100। इसमें 12,07 नेवी के सेलर और 143 एयरमैन रहते हैं।
भारत ने एचएमएस हेरम्स को 1986 में ब्रिटेन से खरीदा था। इसे आईएनएस विराट का नाम दिया गया है। यह अभी अगले 20 सालों तक काम करेगा, जबकि अब भारत स्वयं एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने लगा है।

-द यूएसएस डिवाइट डी आइजनहॉवर: अमेरिका

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लंबाई : 1,092 फीट
कमीशंड : 1977
कैरियर्स : 90 एयरक्राफ्ट
प्रोपल्सन सिस्टम : 2 वेस्टिंग हाउस ए4डब्ल्यू न्यूक्लियर रिएक्टर्स, 4 स्टीम टर्बाइन
– इस शिप ने 2003 में इराकी आक्रमण के समय खाड़ी देशों के पास तैनात किया गया था।

द कैवोर :

Image इटली के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर में से एक यह एक है।

– 735 फीट
-कमीशंड : 2008
एयरक्राफ्ट ढोने की क्षमता : 20-30 एयरक्राफ्ट। इनमें हैरियर कंबैट जेट भी शामिल हैं।
क्रू : 145 क्रू, 203 एयरमैन, 140 कमांड स्टाफ और 325 मरीन
प्रोपल्शन सिस्टम : 2 गैस टर्बाइन,6 डीजल जनरेटर।
– इसे 2004 में लॉन्च किया गया था। हैती में 2010 में भूकंप आने के बाद वहां सहायता मिशन के लिए इसे तैनात किया गया था।

 गिसेप गैरीबाल्डी : 

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इटली के इस एयरक्राफ्ट कैरियर ने कोसोवो, लीबिया और अफगानिस्तान में मिशन पर सेवाएं दी।

लंबाई : 591
कमीशंड : 1985
एयरक्राफ्ट कैरियर : हैरियर सेकंड फाइटर्स, अगस्टा वेस्टलैंड इएच101 हेलिकॉप्टर
क्रू : 630 क्रू, 100 एयरमैन, 100 कमांड।
प्रोपल्सन सिस्टम : 4 गैस टर्बाटन, 6 डीजल जनरेटर्स।
– गैरीबाल्डी ने 1999 में बाल्कन और अफगानिस्तान मिशन और नाटो के लीबिया मिशन के लिए काम किया। इससे 160 गाइडेड मिसाइल और 1221 घंटे तक युद्धक विमानों ने इससे उड़ानें भरीं थीं।

एडमिरल कुजनेत्सोव : रूस

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– लंबाई : 1005 फीट
कमीशंड : 1991
कैरियर्स : 51 से 53
एयरक्राफ्ट : 14 एसयू-33 फाइटर्स, 28 मिग-29 के फाइटर्स, केए-27 हेलिकाप्टर्स।

क्रू : 1,960 नौसैनिक, 626 वायुसैनिक, 46 कमांड
प्रोपल्सन सिस्टम : स्टीम टर्बाइन, 8 बायलर्स, 2 टर्बाइन्स,9 टर्बोजनरेटर्स,6 डीजल जनरेटर्स, 4 प्रोपेलर्स।
– यह रूस के विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर्स में से एक है। सोवियत संघ के विभाजन के बाद इसी श्रेणी का दूसरा शिप वारयाग यूक्रेन को दिया गया था, जिसे उसने चीन को बेच दिया था।

द प्रिंस पी ऑस्ट्रियाज :

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स्पेन का एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर
– लंबाई : 643 फीट
-कमीशंड : 1988
-कैरियर्स : 1,920 सीमैन
– प्रोपल्सन सिस्टम : 2 गैस टर्बाइन
-द प्रिंस पी ऑस्ट्रियाज, स्पेन का एकमात्र एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसे 1982 में लॉन्च किया गया था। यह जहाज 1220 एमएम गन, 29 एयरक्राफ्ट और रेथेआन 3 डी एयर सर्च रडार से सुसज्जित है। मई में ऐसी अफवाहें आईं थी कि आर्थिक संकट के चलते स्पेन इसे रिजर्व में रख सकता है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ।

चार्ल्स डी गाले : फ्रांस

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– फ्रांस अमेरिका के बाद दूसरा ऐसा देश है, जिसके पास न्यूक्लियर पावर से संचालित एयरक्राफ्ट्स कैरियर है।

लंबाई : 858 फीट
कमीशंड : 2001
कैरियर्स : 20-40 एयरक्राफ्ट, 800 कमांडोज और 500 राउंड्स का एम्युनेशन।
क्रू : 1,350 सेलर्स, 500 वायुसैनिक।
– इसे अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई के दौरान हिंद महासागर में तैनात किया गया था।
-पाकिस्तान के समुद्री तट से इससे हवाई हमले अलकायदा पर किए गए थे। इसे 2011 में लीबिया में अभियान के लिए यूएन के नो फ्लाई जोन में रखा गया।

 द एचएमएस इलस्ट्रियस :

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यूएएस इंटरप्राइट : अमेरिका

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– लंबाई : 1,123 फीट
-कमीशंड : 1964
कैरियर्स : 90 एयरक्राफ्ट।
कू्र : अधिकतम, 5,828, 2,700 क्रू, 150 चीफ, 150 चीफ ऑफिसर्स, 1550 एयरपोर्ट सपोर्ट के जवान।

प्रोपल्शन सिस्टम : 8 वेस्टिंग हाउस ए2डब्ल्यू न्यूक्लियर रिएक्टर, 4 स्टीम टर्बाइन।
– यह अमेरिका का पहला न्यूक्लियर एयरक्राफ्ट कैरियर है। इसे बनाने में 60,923 टन स्टील लगा। 1962 में यह क्यूबन मिसाइल संकट से जुड़ा हुआ था। इसे 2012 में कमशीन से बाहर होना था। इसके स्थान पर गेराल्ड आर फोर्ड-क्लास कैरियर सेवा में शामिल होना था।

ब्रिटेन का एयरक्राफ्ट कैरियर
-कमीशंड :1982
– कैरियर्स : 12 हैरियर सेकंड फाइटर जेट और 10 सी किंग एएसएसी हेलिकॉप्टर।

क्रू : 685 नौसैनिक, 366 एयरमैन
प्रोपल्शन सिस्टम : 4 गैस टर्बाइन, 8 डीजल जनरेटर्स।
– इलस्ट्रियस को ब्रिटेन की सेना बहुत लगाव से इसे लस्टी कहती है। यह 1982 के फाकलैंड युद्ध के बाद सेवा में आया। इसे बोस्निया और 1990 में इराक वार के दौरान इस क्षेत्र में तैनात किया गया था। यह एचएमएस क्वीन एलिजाबेथ का स्थान पर 2016 में लेगा।

यूएसएस कर्ल विनसन : अमेरिका

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लंबाई : 1,092 फीट
कमीशंड : 1982
कैरियर्स : 90 एयरक्राफ्ट।
क्रू : 3,200 नौसैनिक, 2,480 वायुसैनिक
प्रोपल्सन सिस्टम : 2 वेस्टिंगहाउस ए4डब्ल्यू न्यूक्लियर रिएक्टर्स, 4 स्टीम टर्बाइन

यूएएस थियोडोर रूजवेल्ट : अमेरिका

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– लंबाई : 1,098 फीट
कमीशंड : 1986
क्रू : 3,200 नौसैनिक, 2,480 वायुसैनिक

प्रोपल्सन सिस्टम : वेस्टिंगहाउस ए4डब्ल्यू न्यूक्लियर रिएक्टर,4 स्टीम टर्बाइन।

यूएसएस अब्राहम लिंकन : अमेरिका

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लंबाई : 1,092 फीट

कमीशंड : 1989
क्रू : 3,200 जलसैनिक, 2,480 वायुसैनिक
प्रोपल्शन सिस्टम : 2 वेस्टिंगहाउस ए4डब्ल्यू न्यूक्लियर रिएक्टर, 4 स्टीम टर्बाइन

note – all source taken by –dainikbhaskar.com   |  Aug 15, 2013, 10:08AM IST