भारत विच इज इंडिया – भारत जो इंडिया है :
आजकल कुछ महान नेता भारत और इंडिया में भेद पैदा कर रहे है, अपने सुविधा के अनुसार नित नये परिभाषा गढ़ रहे है, महान श्री मोहन भगवत के अनुसार बलात्कार जैसी घटनाये भारत में नही इंडिया में होती है,जिस पर श्री किरण बेदी और दुसरे सामाजिक कार्यकर्ताओ ने उन्हें उचित जवाब दिया,श्रीमती किरण बेदी ने कहा है की भागवत जी को दिखायी नहीं देता, भारत (जो की गाव है) की बात है तो मैं बता दू की गाव में या छोटे शहर में घटनाओ के खिलाफ केवल 20 % ही रिपोर्ट दर्ज होती है,बाकि या तो दर के मारे दर्ज नहीं होता या पुलिस कार्यवाही उसे होने नही देते, जबकि बरे शहरो में मीडिया और पुलिस के साथ साथ समाजिक कार्यकर्ताओ के दवाब के कारण घटना दर्ज होती है,
महान कैलाश विजयवर्गीय मंत्री मध्य-प्रदेश अपने शुभ वाणी से महिलाओ के लिए लक्ष्मण-रेखा के अंदर रहने को कहते है, और इनके खिलाफ महान कांग्रेसी नेता धरने-प्रदर्शन और बयानबाजी पे उतारू है, ये वही कांग्रेसी लोग है जिनके एक नेता बलात्कार करने के कोशिश में अभी कल ही पिटे गए, इधर विजयवर्गीय और बीजेपी के एक और नेता श्री बनवारी लाल के अनुसार स्कर्ट और दुपट्टे का न होना बलात्कार का प्रमुख कारण है,
मुझे इक और बयान याद आ रहा है -गीतिका तो कांडा की गलत नौकर थीं – शिवचरण शर्मा मंत्री हरियाणा,इन सभी लोगो के बारे में एक बात सामान है, ये सभी मानसिक दिवालियापन के शिकार है,
महान विजयवर्गीय कहते है-महिला जब लक्ष्मण-रेखा पार करेगी वहा रावण खरा है और फिर ऐसी घटनाये होंगी। महिलाओ के लिए मर्यादा की बात करते है।
मेरा साधारण सा सवाल है , 1-यदि रावण खरा है तो आप रावण को जानते भी होंगे, तो फिर उनका संहार करे! महिलाओ पे क्यों पाबन्दी लगा रहे है?
2- क्या सारे बलात्कार जीन्स या स्कर्ट के कारण हुए? दामिनी/निर्भया या दुसरे पिरीता तो सलवार-समीज में थी और जब छोटे बच्चो पे ये घिनौना अपराध होता तो आपका ये तर्क क्यों कम नहीं आता?
मित्रो सभी पार्टियों को (कांग्रेस,बीजेपी,मार्क्सवादी, अन्य,……) मानसिकता बदलने की जरुरत है । भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं है, और महिलाओ और पुरुषों में भी कोई अंतर नहीं है।
महिलाये जीन्स पहने या स्कर्ट पहने या फिर भारतीय परिधान (साडी,सलवार) उनको हक है , अपने मुताबिक कपरे पेहेन्ने का।बस ये ख्याल रहे की कपरे का चयन ऐसा हो की आपको अपने परिवार और समाज में कही भी कभी भी खुद शर्म महसूस न हो। अगर आप सहज है तो आप सही है और आपको घबराने की जरुरत नहीं, भारत जो की इंडिया है आपके साथ है।
इरोन शर्मीला भी इन्ही विकृत मानसिकता, समाज और प्रसाशन के खिलाफ 20 सालो से संघर्षरत है , किरण बेदी,मेघ पाटेकर,अरुणा रॉय आदि समाजिक कार्यकर्ता भारत और इंडिया को एक करने में सालो से जुटे है।
थोरा आश्चर्यचकित हु की भारत में कई जगहों पे महिला नेता काफी ताकतवर है जैसे- सोनिया गाँधी और सुषमा स्वराज्य (केंद्र में ) , मायावती (भूतपूर्व सी एम् -यूपी),ममता बनर्जी (सी एम् -बंगाल) , जयललिता (सी एम् -तमिलनाडु ),शीला दिक्षित (सी एम्-देल्ही ) , उमा भारती (भूतपूर्व सी एम् -एमपी) बृंदा करात (नेता सीपीएम ) आदी……! मगर कोई भी नेता अपने पार्टियों के नेताओ को कुछ नहीं कहता , जब महिलाओ की बात महिला ही नही उठाएगी तो वक़्त तो लगेगा देश और समाज को बदलने में ।
भारत जो की इंडिया है और साथ में हिंदुस्तान भी आज देश के बेटियों के साथ है,और समाज में इनके अधिकार के लिए कदम से कदम मिला कर ।
भारत जो की इंडिया है इन सभी नेताओ की निंदा करता है, और सबको साथ ले चलने की ईक्छा रखता है और तब तक- जब तोमर डाक सुने कोई न आशी तबे एकला चलो रे!
………………………..विशाल श्रेष्ठ